जन्तु और पौधे ( ctet पाठ्यक्रम पर आधारित )
सजीवों को दो भागो में बिभक्त किया गया है।
पादप जगत
जंतु जगत
सूक्ष्म जीव जग
कालांतर में हिबेटकर ने सजीवों को 5 प्रमुख भागो मे बिभाजित किया है जो निम्नलिखित है -
मोनेरा - जीवाणुओ का अध्ययन
प्रॉटिस्टा - अमीबा तथा पैरमिसियम का अध्ययन
कवक - मशरूम तथा फफूंद अध्ययन
पादप जगत - पौधो का अध्ययन
जंतु जगत - जन्तुओ का अध्ययन
पौधे - पौधे plants पर्याबरण एवं पारिस्थिकी तंत्र के लिए अति आवश्यक होते है पारिस्थिकी तंत्र ऊर्जा प्रदान कराते है ,इसके अलावा मनुष्य तथा जीव जन्तुओ भी भोजन के लिए अधिकांश भाग पेड़ पौधो से ही प्राप्त करते है।
पौधे के भाग एवं उनकी भूमिका
पौधो के निम्नलिखित भाग होते है -
जड़
पौधो का वह भाग जो जमीन के अंदर होता है , जड़ root दो प्रकार की होती है,
मूसला जड़ - मटर ,चना , मूली , गाजर आदि।
झकड़ा जड़- गेहूँ , घास , गन्ना , मक्का आदि.
जड़ का महत्व - यह पौदो को जमीन से पकड़ के रखता है, तथा जमीन से जल तथा खनिज पदार्थ अवशोषित कर के तना के द्वारा पौधो के बिभिन्न भागों में पहुँचाता है।
तना
यह पौधो का वह भाग जो भूमि के ऊपर रहता है। तना हरे या भूरे रंग का होता है , तने से ही टहनियाँ एवं पत्तिया निकलती है।
तना का महत्व - यह जड़ द्वारा अवशोषित जल एवं खनिज पदार्थ को पत्ती तथा अन्य भागों में पहुँचाती है।
आलू , अदरख , जैसे कुछ तने ऐसे भी होते है जो जमीन के अंदर होते है और हम उन्हें खाते है।
पत्ती
पौधो की पत्तियां , तनो व टहनियों के सहारे निकलती है ,पत्तिया मुख्य रूप से हरे रंग के होते जबकि कुछ लाल , पीले भी होते है।
पत्तियों के महत्व- पत्तियां सूर्य की रौशनी में जल और कार्बोन डाय ऑक्साइड की सहायता से प्रकाश संश्लेषण करती है , जिससे पौधो का भोजन का भोजन निर्माण होती है।
फूल
नए पौधो के विकास में फूल सहायता करते है , क्योंकि फूल पौधा का प्रजनन अंग होते है , फूलो की पंखुडिया रंगीन होती है , फुलो के कई भाग होते है , जैसे बाह्यदल , पंखुडिया , स्त्रीकेसर एवं पुंकेशर।
सबसे बड़ा फूल रफ्लेसिया और सबसे छोटा फूल वूल्फिया है।
फूलो का महत्व -पौधो में परागण की प्रक्रिया फूलो द्वारा ही सम्पन्न होती है , इसी प्रक्रिया द्वारा पौधो में प्रजनन होती है , परागण की प्रक्रिया कई प्रकार से होती है , जैसे वायु द्वारा , कीटो द्वारा , जल द्वारा ,पक्षियों द्वारा , जन्तुओ द्वारा आदि।
कुछ फूलों को खाया भी जाता है तथा कुछ से इत्र बनाया जाता है।
फल
फल का निर्माण फूलो के अंडाशय से होता है , सामान्यतः फूलो के अंदर बीज होते है , फल खट्टे या मीठे होते है।पौधो का वह भाग जिसको खाने के लिए उपयोग होता है।
बीज
फूलो में पाए जानेवाले बीजाण्ड बीज बनाते है , बीजो के अंदर भ्रूण होता है , जो नमी एवं वायु की उपस्थिति में अंकुरित होता है। .
बीज का महत्व - कई प्रकार के बीजो का खाया जाता है ,कुछ बीज से तेल बनाया जाता है , बीजो से नए पौधे का जन्म होता है।
पौधो के प्रकार
भौतिक विशेसता अथवा आकार के आधार पर पौधो को निम्नलिखित वर्गीकरण है।
शाक Herbs ये आकर में बहुत छोटे होते है , इनके तने हरे रंग के होते है , जो बहुत ही कोमल होते है , जैसे - धनिया , मेथी , पालक आदि।
झाड़ी - shurbs इनका आकार शाक से बड़ा होता है , इनका तना मोटा व कठोर होता है , जिसमे कई सारे शाखा इनके तने के आधार से निकलती है , जैसे गुलाब , गुड़हल , निम्बू आदि।
सजीवों को दो भागो में बिभक्त किया गया है।
पादप जगत
जंतु जगत
सूक्ष्म जीव जग
कालांतर में हिबेटकर ने सजीवों को 5 प्रमुख भागो मे बिभाजित किया है जो निम्नलिखित है -
मोनेरा - जीवाणुओ का अध्ययन
प्रॉटिस्टा - अमीबा तथा पैरमिसियम का अध्ययन
कवक - मशरूम तथा फफूंद अध्ययन
पादप जगत - पौधो का अध्ययन
जंतु जगत - जन्तुओ का अध्ययन
पौधे - पौधे plants पर्याबरण एवं पारिस्थिकी तंत्र के लिए अति आवश्यक होते है पारिस्थिकी तंत्र ऊर्जा प्रदान कराते है ,इसके अलावा मनुष्य तथा जीव जन्तुओ भी भोजन के लिए अधिकांश भाग पेड़ पौधो से ही प्राप्त करते है।
पौधे के भाग एवं उनकी भूमिका
पौधो के निम्नलिखित भाग होते है -
जड़
पौधो का वह भाग जो जमीन के अंदर होता है , जड़ root दो प्रकार की होती है,
मूसला जड़ - मटर ,चना , मूली , गाजर आदि।
झकड़ा जड़- गेहूँ , घास , गन्ना , मक्का आदि.
जड़ का महत्व - यह पौदो को जमीन से पकड़ के रखता है, तथा जमीन से जल तथा खनिज पदार्थ अवशोषित कर के तना के द्वारा पौधो के बिभिन्न भागों में पहुँचाता है।
तना
यह पौधो का वह भाग जो भूमि के ऊपर रहता है। तना हरे या भूरे रंग का होता है , तने से ही टहनियाँ एवं पत्तिया निकलती है।
तना का महत्व - यह जड़ द्वारा अवशोषित जल एवं खनिज पदार्थ को पत्ती तथा अन्य भागों में पहुँचाती है।
आलू , अदरख , जैसे कुछ तने ऐसे भी होते है जो जमीन के अंदर होते है और हम उन्हें खाते है।
पत्ती
पौधो की पत्तियां , तनो व टहनियों के सहारे निकलती है ,पत्तिया मुख्य रूप से हरे रंग के होते जबकि कुछ लाल , पीले भी होते है।
पत्तियों के महत्व- पत्तियां सूर्य की रौशनी में जल और कार्बोन डाय ऑक्साइड की सहायता से प्रकाश संश्लेषण करती है , जिससे पौधो का भोजन का भोजन निर्माण होती है।
फूल
नए पौधो के विकास में फूल सहायता करते है , क्योंकि फूल पौधा का प्रजनन अंग होते है , फूलो की पंखुडिया रंगीन होती है , फुलो के कई भाग होते है , जैसे बाह्यदल , पंखुडिया , स्त्रीकेसर एवं पुंकेशर।
सबसे बड़ा फूल रफ्लेसिया और सबसे छोटा फूल वूल्फिया है।
फूलो का महत्व -पौधो में परागण की प्रक्रिया फूलो द्वारा ही सम्पन्न होती है , इसी प्रक्रिया द्वारा पौधो में प्रजनन होती है , परागण की प्रक्रिया कई प्रकार से होती है , जैसे वायु द्वारा , कीटो द्वारा , जल द्वारा ,पक्षियों द्वारा , जन्तुओ द्वारा आदि।
कुछ फूलों को खाया भी जाता है तथा कुछ से इत्र बनाया जाता है।
फल
फल का निर्माण फूलो के अंडाशय से होता है , सामान्यतः फूलो के अंदर बीज होते है , फल खट्टे या मीठे होते है।पौधो का वह भाग जिसको खाने के लिए उपयोग होता है।
बीज
फूलो में पाए जानेवाले बीजाण्ड बीज बनाते है , बीजो के अंदर भ्रूण होता है , जो नमी एवं वायु की उपस्थिति में अंकुरित होता है। .
बीज का महत्व - कई प्रकार के बीजो का खाया जाता है ,कुछ बीज से तेल बनाया जाता है , बीजो से नए पौधे का जन्म होता है।
पौधो के प्रकार
भौतिक विशेसता अथवा आकार के आधार पर पौधो को निम्नलिखित वर्गीकरण है।
शाक Herbs ये आकर में बहुत छोटे होते है , इनके तने हरे रंग के होते है , जो बहुत ही कोमल होते है , जैसे - धनिया , मेथी , पालक आदि।
झाड़ी - shurbs इनका आकार शाक से बड़ा होता है , इनका तना मोटा व कठोर होता है , जिसमे कई सारे शाखा इनके तने के आधार से निकलती है , जैसे गुलाब , गुड़हल , निम्बू आदि।
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