शिक्षक के गुण और दायित्व :-
प्राचीन काल से ही शिक्षक को समाज में सम्मानीय जगह देता आ रहा है , प्राचीन काल से शिक्षकों को ईश्वर का सदृश्यिक रूप रूप माने जाता रहा है , 1986 के शिक्षा नीति में शिक्षक को समाज का प्रधान धुरी माना गया है।
शिक्षा आयोग के अनुसार किसी विद्यालय में पाठ्यक्रम , संरचना , विद्यालय संगठन , पठन सामग्री शिक्षण पध्ढति तब तक कुछ भी लाभदायक नहीं हो सकता जब तक हमारा शिक्षक योग्य और चरित्र वान नहीं होगा।
किसी भी देश का सांस्कृतिक , सामाजिक स्तर देखना हो तो वहां के शिक्षक के स्थिति को देखना होगा।
अध्यापक किसी भी संस्कृति का निर्माता होता है, साथ ही एक भावी नागरिक को भी एक शिक्षक ही बना ता है।
आदर्श शिक्षक के गुण :-
शिक्षक को राष्ट्र निर्माता , मनुष्य निर्माता शिक्षा पध्ढति की आधारशिला , एवं समाज को गति प्रदान करनेवाला होता है , अतः इतना सारा कर्तव्य एवं दायित्व एक शिक्षक को दिया गया है , अतः एक शिक्षक में निम्नलिखित गुणो का उल्लेख किया गया है :-
जो संयुक्त राज्य अमेरिका में डॉ एफ एल फ्लेप द्वारा 1913 में उल्लेख किया गया है।
1 प्रभावशाली व्यक्तित्व
2. व्यैक्तिव आकृति
3 . आशावादिता
4 . संयम
५. उत्साह
6 . मानसिकता
7. शुभ चिंतक
8 . सहानुभूति
9 . जीवन शक्ति
10 . विद्वता
11 . नेतृत्व की क्षमता
12 . अच्छा स्वर आवाज
13 . विनोदप्रियता
14 . छात्रों के प्रति मैत्रीपूर्ण दृष्टिकोण
15 . बाल मनोविज्ञान का ज्ञाता
16 . बच्चो की जन्मजात शक्तियों के विकाश में उनकी सहायता करना
17 . छात्रों के चरित्र निर्माण एवं उनके नैतिक विकास में सहायता करना
18 . अच्छे विचारो को स्वीकार करने में सहायक
19 . छात्रों में राष्ट्रीय सद्भावना और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना एक आदर्श शिक्षक का गुण होना चाहिए
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